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Sunday 22 November 2020

#कारक की परिभाषा #कारक के भेद #कारक के परसर्ग (कारक चिह्न)

कारक का शाब्दिक अर्थ है - करने वाला
अर्थात क्रिया को पूरा करने में जो सहायक हो।
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध वाक्य मे क्रिया के साथ जना जाए,उसे कारक कहते हैं।कारक के आठ भेद हैं-
कारक           परसर्ग कारक चिह्न 
•कर्ता कारक-   ने 
2•कर्म कारक-   को
3•करण कारक-   से
4•सम्प्रदान कारक-   को,के लिए 
5•अपादान  कारक-   से
6•सम्बन्ध कारक-    का,के,की,रा,रे,री,ण,ने,नी 
7• अधिकरण कारक-    में,पर
8•सम्बोधन कारक-     हे!,ओ!,अरे! आदि 

#कर्मधारय एवं बहुव्रीहि समास में अंतर#Karmadharaye samas evam Bahuvrihi samas mei antar

#कर्मधारय एवं बहुव्रीहि समास  में अंतर
#Karmadharaye samas evam Bahuvrihi samas mei antar
 

कर्मधारय एवं बहुव्रीहि समासों में अंतर समझने के लिए इनके  विग्रह पर ध्यान देना आवश्यक है । 
कर्मधारय समास में जहाँ एक पद विशेषण या उपमान होता है और वहीं दूसरा पद विशेष्य या उपमेय होता है ।जैसे- 'श्वेतांबर'  में  'श्वेत' विशेषण है तथा 'अंबर' (वस्त्र)  विशेष्य  इसी प्रकार 'कमलनयन' में 'कमल' उपमान है और नयन 'उपमेय' है। अतः यह दोनों उदाहरण कर्मधारय समास के उदाहरण हैं। 

 बहुव्रीहि समास में समस्त पद  ही किसी संज्ञा के विशेषण का कार्य करता है जैसे - 'चंद्रशेखर' चंद्रमा है जिसके शिखर पर/ चंद्र को शिखर(सिर) पर धारण करता है जो अर्थात 'शिव'।

विग्रह के आधार पर ही कर्मधारय एवं बहुव्रीहि समास में अंतर समझा जा सकता है।  जैैैसे-
नीलकंठ - नीला है जो कंठ (कर्मधारय)
नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव' (बहुव्रीहि)
लंबोदर - मोटे पेट वाला (कर्मधारय) 
लंबोदर - लंबा है उदर जिसका अर्थात 'गणेश' (बहुव्रीहि)
महात्मा - महान है जो आत्मा (कर्मधारय)
महात्मा - महान आत्मा है जिसकी अर्थात विशेष व्यक्ति (बहुव्रीहि) 
कमलनयन - कमल के समान नयन (कर्मधारय)
कमलनयन - कमल के समान नयन है जिसके 'विष्णु' (बहुव्रीहि)

#रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण /वाक्य परिवर्तन #साधारण वाक्य का संयुक्त वाक्य में परिवर्तन#सरल /साधारण वाक्य का संयुक्त वाक्य एवं मिश्र वाक्य में परिवर्तन#साधारण वाक्य का मिश्रित वाक्य में परिवर्तन#मिश्रित वाक्य का संयुक्त वाक्य में परिवर्तन#पूर्वकालिक क्रिया

#रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण /वाक्य परिवर्तन 
#साधारण वाक्य का संयुक्त वाक्य में परिवर्तन
#सरल /साधारण वाक्य का संयुक्त  वाक्य एवं मिश्र वाक्य में परिवर्तन
#साधारण वाक्य का मिश्रित वाक्य में परिवर्तन
#मिश्रित वाक्य का संयुक्त वाक्य में परिवर्तन
#पूर्वकालिक क्रिया


रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण /वाक्य परिवर्तन 
 एक प्रकार की वाक्य का दूसरे प्रकार के वाक्य में बदलना/परिवर्तित होना ही वाक्य रूपांतरण या वाक्य परिवर्तन कहलाता है।


 रचना के आधार पर वाक्य तीन भेद हैं-
1.सरल वाक्य 
2. संयुक्त वाक्य  एवं
3. मिश्र वाक्य
 इन वाक्यों का आपस में रूपांतरण ही वाक्य रूपांतरण  
है ।

 सरल /साधारण वाक्य का संयुक्त  वाक्य एवं मिश्र वाक्य में परिवर्तन
1.सरल वाक्य- बारिश में बच्चे भीग रहे हैं ।
संयुक्त वाक्य - बारिश हो रही है और बच्चे उसमें भीग रहे हैं ।
मिश्र वाक्य - क्योंकि बारिश हो रही है इसलिए बच्चे उसमें भीग रहे हैं ।

2.सरल वाक्य - सड़क दुर्घटना की वजह से ट्रैफिक रुक गया ।
संयुक्त वाक्य - सड़क दुर्घटना हुई और ट्रैफिक रुक गया।
मिश्र वाक्य - जब सड़क दुर्घटना हुई तब ट्रैफिक रुक गया ।

3.सरल वाक्य - काम खत्म होते ही माँ बाजार चली गई।
संयुक्त वाक्य - काम खत्म हुआ और माँ बाजार चली गई।
मिश्र वाक्य - जैसे ही काम खत्म हुआ वैसे ही माँ बाजार चली गई ।

4.सरल वाक्य - तुम खाना खाकर सो जाओ ।
संयुक्त वाक्य - तुम खाना खाओ और सो जाओ ।
मिश्र वाक्य जब तुम खाना खा लो तब सो जाना।

 साधारण वाक्य का संयुक्त वाक्य में परिवर्तन
1. मैं दूध पीकर सो गया । मैंने दूध पिया और सो गया।

2. वह पढ़ने के अलावा अखबार भी बेचता है । वह पढ़ता भी है और अखबार भी भेजता है।

 3.मैंने घर पहुंच कर सब बच्चों को खेलते हुए देखा । मैंने घर पहुंच कर देखा कि सब बच्चे खेल रहे थे।

4. स्वास्थ्य ठीक न होने से मैं काशी नहीं जा सका । मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं था इसलिए मैं काशी नहीं जा सका।

5.सवेरे तेज वर्षा होने के कारण मैं दफ्तर देर से पहु़ँचा । सवेरे तेज वर्षा हो रही थी इसलिए दफ्तर में देर से पहुँचा।


संयुक्त वाक्यों का साधारण वाक्यों में परिवर्तन
1.पिताजी अस्वस्थ है इसलिए मुझे जाना ही पड़ेगा । पिताजी के अस्वस्थ होने के कारण मुझे जाना ही पड़ेगा।

2. उसने कहा और मैं मान गया ।उसके कहने से मैं मान गया।

3. वह केवल उपन्यासकार ही नहीं अपितु अच्छा वक्ता भी है । वह उपन्यासकार के अतिरिक्त अच्छा वक्ता भी है।

4.लू चल रही थी इसलिए मैं घर से बाहर नहीं निकल सका । लू चलने के कारण मैं घर से बाहर नहीं निकल सका ।

5.गार्ड ने सिटी दी और ट्रेन चल पड़ी । गार्ड के सिटी देने पर ट्रेन चल पड़ी।

साधारण वाक्य का मिश्रित वाक्य में परिवर्तन
1.हरसिंगार को देखते ही मुझे गीता की याद आ जाती है। जब मैं हरसिंगार की ओर देखता हूँ तब मुझे गीता की याद आ जाती है।

2. राष्ट्र के लिए मर मिटने वाला व्यक्ति सच्चा राष्ट्रभक्त होता है । वह व्यक्ति सच्चा राष्ट्रभक्त होता है जो राष्ट्र के लिए मर मिटे।

3. पैसे के बिना इंसान कुछ नहीं कर सकता । यदि इंसान के पास पैसा नहीं है तो वह कुछ भी नहीं कर सकता ।

 4.आधी रात होते-होते मैंने काम करना बंद कर दिया । ज्योंही आधी रात हुई त्योंही मैंने काम करना बंद कर दिया।

मिश्रित वाक्य का साधारण वाक्य में परिवर्तन 
 1.जो संतोषी होते हैं वह सदैव सुखी रहते हैं । संतोषी सदैव सुखी रहते हैं।

2. यदि तुम नहीं पढ़ोगे तो परीक्षा में सफल नहीं होगे। न पढ़ने की दशा में तुम परीक्षा में सफल नहीं होगे।

 3.तुम नहीं जानते कि वह कौन है ? तुम उसे नहीं जानते।

 4.जब जेबकतरा ने मुझे देखा तो वह भाग गया । मुझे देखकर जेबकतरा भाग गया।

5. जो विद्वान है उसका सर्वत्र आदर होता है । विद्वानों का सर्वत्र आदर होता है।

मिश्रित वाक्य का संयुक्त वाक्य में परिवर्तन
1.सुषमा इसलिए स्कूल नहीं गई क्योंकि वह बीमार है । सुषमा बीमार है इसलिए स्कूल नहीं गई।

2. यदि आप उससे मिलना चाहते हैं तो द्वार पर प्रतीक्षा करें । आप उससे मिलना चाहते हैं इसलिए द्वार पर प्रतीक्षा करें।

3. मेरे पिताजी वे हैं जो पलंग पर लेटे हैं । वे मेरे पिताजी हैं और पलंग पर लेटे हैं ।

4.जो विद्यार्थी परिश्रमी होता है वह अवश्य सफल होता है । विद्यार्थी परिश्रमी होता है तो अवश्य सफल होता है।

विशेष-   साधारण  वाक्यों के निर्माण में सामान्यतः पूर्वकालिक क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है।
 उदाहरण - मैं खाकर जाता हूँ यहाँ खाकर पूर्वकालिक क्रिया है ।
 सोकर, उठकर,  रोकर ,जाकर, खाकर, नहाकर, पढ़कर, लिखकर आदि पूर्वकालिक क्रिया के उदाहरण हैं।

मुहावरे की परिभाषा एवं कुछ प्रमुख मुहावरे अर्थ सहित(Hindi Idioms) #कक्षा दसवीं कोर्स बी स्पर्श भाग-2 ( पद्य भाग) में प्रयुक्त मुहावरे अर्थ सहित

#मुहावरे की परिभाषा एवं कुछ प्रमुख मुहावरे अर्थ सहित(Hindi Idioms) 
 #कक्षा दसवीं कोर्स बी स्पर्श भाग-2 ( पद्य भाग) में प्रयुक्त मुहावरे अर्थ सहित

 #मुहावरे का अर्थ - 

किसी विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते हैं। 

शाब्दिक रूप से मुहावरा शब्द का अर्थ अभ्यास होता है। 

मुहावरों का प्रयोग भाषा को सुंदर प्रभावशाली तथा संक्षिप्त व सरल बनाने के लिए किया जाता है।

मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अर्थ का बोध कराता है। वाक्य में इसका प्रयोग क्रिया के समान होता है जैसे अपनी खिचड़ी अलग पकाना ।

वाक्य में प्रयुक्त कुछ मुहावरे

1. अक्ल का दुश्मन (मूर्ख)- तुम तो बिल्कुल अकेले के दुश्मन हो कोई भी काम ढंग से नहीं कर सकते।

2. अंगारे उगलना (क्रोध करना)- बिल्ली को खीर खाते देख पंडित जी अंगारे उगलने लगे ।

3.अक्ल पर पत्थर पड़ना (बुद्धि से काम न लेना)- तुम्हारी तो अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे जो तुम लगी लगाई नौकरी छोड़ कर आ गए ।

4.अगर-मगर करना (बहाने- बनाना)- कक्षा में अध्यापक द्वारा गृह कार्य मांगने पर चंचल अगर मगर करने लगी ।

5.आकाश पाताल एक करना (बहुत परिश्रम करना)- टैलेंट हंट प्रतियोगिता जीतने के लिए पवन ने आकाश पाताल एक कर दिया।

6.आस्तीन का सांप (कपटी मित्र)- मनोहर को मैं अपना सच्चा मित्र मानता था परंतु वह तो आस्तीन का सांप निकला।

7. आंखों पर परदा पड़ना (धोखा खाना)- तुम्हारी आंखों पर अभी पर्दा पड़ा है इसलिए तुम सच्चाई सुनना नहीं चाहते ।

8. आँच ना आने देना (हानि ना होने देना)- सच्चा मित्र वही होता है जो मुसीबत के समय अपने मित्र की मदद करता है और उस पर किसी तरह की आँच नहीं आने देता।

9. आग में घी डालना (क्रोध भड़काना)-  सोच-समझकर बोलना क्योंकि दोनों भाइयों में पहले से ही दुश्मनी थी मुझे लगता है कि पक्षपात की भावना से बोलकर तुम आग में घी डालने की का काम करोगे।

10.आसमान टूट पड़ना (बहुत बड़ी मुसीबत आना) - सड़क दुर्घटना में परिवार के मुखिया की मौत से तो जैसे उस गरीब परिवार पर आसमान टूट पड़ा।

#कक्षा दसवीं कोर्स बी स्पर्श भाग 2 मे प्रयुक्त मुहावरे अर्थ सहित

 कबीर 

1. आपा खोना (अहंकार नष्ट करना)- मित्र और प्रेम निभाने के लिए अपना आपा तो खोना ही पड़ता है ।

2. अंधियारा मिटना (अज्ञान दूर होना)- गुरुजी से मार्गदर्शन मिला तो मेरे मन का सारा अंधियारा मिट गया।

 3. मंत्र लगना (कारगर उपाय होना) - नशे में गर्क लोगों को ठीक करने के लिए मैंने अनेक प्रयत्न किए परंतु कोई मंत्र नहीं लगा।

4. घर जलाना (स्वयं को बलिदान करना)- देश के लिए कुछ करना चाहते हो तो अपना घर जलाने को तैयार रहना।

मीरा 

1.लाज रखना (सम्मान बचाना)- आजकल गली-गली इतने गुंडे और बेफिक्रे घूमते हैं कि भगवान ही लाज रखे तो रखें ।

मैथिलीशरण गुप्त 

1. हाथ विशाल होना - (बहुत समर्थ होना) राष्ट्रीय दलों के हाथ विशाल होते हैं वह चाहे तो किसी भी बुराई को जड़ से उखाड़ सकते हैं।

2.बाहु बढ़ाना (सहायता करना)- सफलता पाने के लिए व्यक्ति को अपनी बाहु बढ़ानी पड़ती है।
 कोई अन्य साथ नहीं दिया करता ।

3.विपत्ति में धकेलना (संकटों को दूर करना)- वीर पुरुष वही होते हैं जो अपने बल पर सारी विपत्तियों को धकेल कर आगे बढ़ जाते हैं।

 
महादेवी वर्मा 

1.सिर धुनना (पछताना) - जो लोग समय पर परिश्रम नहीं करते हैं बाद में  सिर धुनते हैं ।

 2.दिल जलना (ईर्ष्या में दुखी होना)- हमें कार क्या लिखी पड़ोसियों के दिल जल गए।

 कैफ़ी आज़मी

1.सिर झुकना (परास्त होना)- पाकिस्तान के तीन बार भारत पर आक्रमण किया किंतु तीनों बार उसी का सिर झुका।
2. मौत से गले मिलना (सहर्ष मौत स्वीकार करना)- सच्चे सिपाही देश की रक्षा के लिए मौत से गले मिल जाते हैं ।

3.सिर पर कफन बांधना (बलिदान के लिए तैयार होना) - वीर सैनिक जब सिर पर कफन बांधकर जूझते हैं तो दुश्मनों के छक्के छुड़ा देते हैं ।

4.हाथ उठना (आक्रमण करना) - पाकिस्तान हिंदुस्तान पर हाथ नहीं उठा सकता ।

Tuesday 10 November 2020

|| श्री गणेश वंदना ||


|| श्री गणेश वंदना ||

॥ गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम् ॥

॥ उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥

🙏🙏🙏

चित्र - साभार गूगल 

#कारक की परिभाषा #कारक के भेद #कारक के परसर्ग (कारक चिह्न)

कारक का शाब्दिक अर्थ है - करने वाला अर्थात क्रिया को पूरा करने में जो सहायक हो। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध वाक्य मे क्रिया...